विगत 60 बरखमे कला जगत विभिन्न कलात्मक माध्यममे विभिन्न प्रकारक तकनीककेँ शामिल करबाक दिशामे बदलाव देखल अछि। तकनीकी आ डिजिटल कलाक समान संवादात्मक प्रकृतिक कारणेँ दर्शक स्वयं कलाक हिस्सा बनि सकैत छथि, किएकि इमर्सिव इंस्टॉलेशन कलाक संग दर्शकक अनुभवकेँ स्वयं हेरफेर करैत अछि, जाहि सँ कलाक संग संवाद करबाक अर्थमे क्रान्ति आबि जाइत अछि। कलाक ई नव शैली आवश्यक रूप सँ कला मानल जाय वाला चीज नै छै बल्कि मात्र लाभ के लेल काज के दोहन छै।
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