मनोविकृति हमरा सभक प्रजातिक जिज्ञासु अतीतसँ हमरा सभ पर झपट्टा मारैत अछि आ पुछैत प्रतीत होइत अछि, "की अहाँ ओ केशहीन वानर नहि छी जे एक बेर एकटा आदमी पर हँसैत छल जे ई सुझाव दैत छल जे सब पदार्थ अंततः कंपनसँ बनल छल? एकर मूल अवधारणाक समर्थन रोबर्ट पेनरोजक सङ्ग-सङ्ग लेखक एडिंगटन आ डेविड बोहम सन भौतिक विज्ञानी आ स्वयं विलियम जेम्स सेहो कयने छथि।
#SCIENCE #Maithili #AU
Read more at Salon