एहि मासक प्रारम्भमे एकटा ऐतिहासिक निर्णयमे यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय स्विट्जरलैंड सरकारकेँ महिला वरिष्ठ नागरिकसभक एकटा समूहक अधिकारक हननक दोषी ठहरौलनि। अपन तरहक पहिल बेर, ई एहि बात पर प्रकाश दैत अछि जे कोना जलवायु संकट तेजीसँ मानवाधिकारक संकट बनि रहल अछि। भारतक सर्वोच्च न्यायालय अनुच्छेद 14 (कानूनक समक्ष समानता आ कानूनक समान संरक्षण) क हवाला दैत फैसला देलक जे लोकसभकेँ 'जलवायु परिवर्तनक प्रतिकूल प्रभावसँ मुक्त रहबाक' अधिकार अछि।
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