भविष्य का शिखर सम्मेलन, इस सितंबर और अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ महत्वपूर्ण मील के पत्थर हैं, जिनके लिए हमें ठोस प्रगति करने का लक्ष्य रखना चाहिए। हमें अफ्रीका सहित युवा और आने वाली पीढ़ियों की आवाज पर ध्यान देते हुए सुधार को आगे बढ़ाना चाहिए। अन्यथा, हम केवल परिषद को गुमनामी और अप्रासंगिक के रास्ते पर भेजने का जोखिम उठाते हैं।
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