यह सामग्री खोखले पिंजरे जैसे अणुओं से बनी होती है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर हेक्साफ्लोराइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों के लिए उच्च भंडारण क्षमता होती है-एक अधिक शक्तिशाली गैस जो वायुमंडल में हजारों वर्षों तक रह सकती है। एडिनबर्ग में हेरियट-वाट विश्वविद्यालय में संयुक्त रूप से शोध का नेतृत्व करने वाले डॉ. मार्क लिटिल ने कहा कि इस खोज में समाज की सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने में मदद करने की क्षमता है।
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