स्वदेशी लोग हजारों पीढ़ियों से हमारे समुदायों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की देखभाल कर रहे हैं। फिर भी हमारी आवाज़ को चुप करा दिया गया है और उपनिवेशवाद के बाद से हमारे ज्ञान की उपेक्षा की गई है। यह हमारे समुदायों और ग्रह के लिए विनाशकारी रहा है। यह स्वदेशी लोगों के ज्ञान को सुनने और अपने बच्चों के लिए एक स्थायी भविष्य बनाने का समय है।
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