जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान मातृ मछली का सेवन 11 साल की उम्र में इन माताओं से पैदा हुए बच्चों के हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है। फैटी मछली ई. पी. ए. और एन-3 डोकोसाहेक्सेनोइक एसिड (डी. एच. ए.) का एक समृद्ध स्रोत है, जो अपने सूजन-रोधी, अतालता-रोधी और उच्च रक्तचाप-रोधी गुणों के माध्यम से हृदय प्रणाली को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
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